सियासत में जब-जब शराब और शबाब मिली, तब-तब बवाल मचा। रेतीले प्रदेश राजस्थान में भी इनदिनों एक ऐसा ही भवंडर आया हुआ है। किस-किस को यह बवंडर अपनी चपेट में लेगा, देखना बाकी है। जिस वीरों की भूमि में कभी वीर रस की कविताएं गूंजा करती थीं, आज वहां भंवरी-मदेरणा की सेक्स गाथा कही जा रही है।सियासत पहली बार शर्मसार नहीं हुई है। पहले भी कई सियासत नंगी हुई तो अवाम शर्मसार हुई। लेकिन इन औरतखोर नेताओं को कोई फक्र्र नहीं पड़ा। हर बार कीमत उस जिस्म को ही चुकानी पड़ी, जिसके नशे में सियासतदान मदमस्त होकर सियासत करते रहे। राजस्थान का मामला भले ही नया हो लेकिन राजनीति में शराब और शबाब के साथ सेक्स की परंपरा बरसों से हिंदुस्तानी सियासत में चली आ रही है। जब-जब सेक्स और सियासत की कॉकटेल सामने आई, हंगामा मचा। आइए ऐसे ही कुछ मामलों पर डालते हैं एक नजर...
बूढ़ा बदन उर्फ नारायण दत्त तिवारी
बात सबसे पहले कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता की करते हैं। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके नारायण दत्त तिवारी का रंग रसिया रूप देश की जनता ने कई बार देखा है। पिछली बार, तिवारी सेक्स स्कैंडल के कारण खूब चर्चा में रहे। आधे घंटे तक एक तेलुगू चैनल पर जब तिवारी की कथित रासलीला का प्रसारण किया जा रहा था तो इसकी गूंज पूरे हिंदुस्तान में सुनी गई। इस क्लिप में एक बूढ़ा जिस्म तीन महिलाओं के साथ अपनी हवस की आग बुझाता हुआ दिखा। कहा गया कि यह और कोई नहीं, बल्कि नारायण दत्त तिवारी हैं। 85 साल के तिवारी का नाम इससे पहले भी कई दफा कई महिलाओं के साथ जुड़ा।
युवा मुख्यमंत्री उमर अब्दुला
जम्मू व कश्मीर के युवा मुख्यमंत्री उमर अब्दुला भी सेक्स स्कैंडल में फंस चुके हैं। हालांकि, बाद में वे पाक-साफ निकले। मामला २क्क्६ के एक सेक्स स्कैंडल का है। श्रीनगर पुलिस ने जब सबीना नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया तो उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए। नतीजा मुख्यमंत्री के साथ कई पूर्व मंत्री और आला अधिकारियों इस सेक्स स्कैंडल में फंसे। पूरे राज्य में कोहराम मचा। कुल 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसमें राज्य के 2 पूर्व मंत्री समेत 1 आईएस अधिकारी, 1 डीआईजी, 2 डीएसपी शामिल थे।
कभी बॉलीवुड में राज, अब राजनीति की जया प्रदा
कहते हैं कि राजनीति में यदि आएं हैं तो दाग तो लगेंगे ही। ऐसा ही कुछ पिछले लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड की अभिनेत्री और सपा की उम्मीदवार जया प्रदा के साथ हुआ। बरसों तक बड़े परदे पर अपने हुस्न का जलवा दिखा चुकीं जया उस वक्त रो पड़ीं, जब उन्होंने अपने ही अश्लील पोस्टर रामपुर में देखे। रामपुर उनका संसदीय क्षेत्र। रामपुर की गलियों से निकल कर ये पोस्टर दिल्ली तक की राजनीति में बवाल मचाया। जया की आंखों में आंसू तक आए। इल्जाम बागी नेता आजत खान पर लगा। यह बात खुद जया ने कही। वैसे मीडिया में अक्सर जया और अमर सिंह के संबंधों को लेकर भी छिटाकशी होती रहती है।
एक कवियत्री के साथ मंत्री का अमरप्रेम
अपनी कविताओं ने कईयों के दिल पर राज करने वाली मधुमिता की उसके घर पर ही गोलीमार कर हत्या कर दी गई। घटना मई 2003 की है। लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी ने उस दिन गोलियों की आवाज सुनी थी। जब लाश का पोस्टमार्टम हुआ तो चौंकाने वाली खबर बनना लाजिमी थी। मधुमिता गर्भवती थी। शक की सुई तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी की ओर मुड़ी। लखनऊ की जनता के साथ अब पूरा देश दोनों के संबंधों को जान चुका था। हत्या के पीछे वजह यह बताई गई कि मधुमिता-अमरमणि त्रिपाठी के संबंधों के कारण वह गर्भवती हो गई थी। लेकिन अमरमणि नहीं चाहते थे कि वह मां बने। मधुमिता अपी जिद पर अड़ी थी। अंत में मधुमिता को गोली मार दी गई। फिलहाल अमरमणि जेल में हैं।
विधायक बनने के ख्वाब ने लाया मंत्री के करीब
उत्तर प्रदेश के एक मंत्री आनंदसेन की जिंदगी में भी एक लड़की आई। वह लॉ की स्टूडेंट शशि थी। शशि अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए आनंदसेन के करीब होती गई। शशि चाहती थी कि वह विधानसभा का चुनाव लड़े और लखनऊ की विधानसभा में बैठे। शार्टकट के रुप में उसने आनंदसेन को चुना। शशि के पिता खुद एक राजनीतिक कार्याकर्ता थे। आनंदसेन ने भी उसकी आंखों में बसे इस ख्वाब को देख लिया था। फिर शुरू हुआ वायदों का दौर। वायदे बढ़ते गए, जिस्मानी दूरियां मिटती गईं। 22 अक्टूबर 2007 को शशि गायब हुई। लंबी छानबीन और धड़पकड़ के बाद पता चला कि वह इस दुनिया से जा चुकी है। उसकी हत्या हो गई है।
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